दोस्तों विशेषण शब्द हिंदी व्याकरण में बहुत ही महत्त्व रखते हैं, आज हम इन्हीं पर चर्चा करने जा रहे हैं। आज हम विशेषण की परिभाषा (Visheshan Ki Paribhasha), विशेषण के उदाहरण (Visheshan Ke Udaahran), विशेषण के भेद (Visheshan Ke Bhed), विशेषण कैसे बनते हैं ? और विशेषण किसे कहते हैं? (Visheshan Kise Kahte hain?) आदि पर बात करेंगे। इस लेख को पढ़ने बाद आपको विशेषण से जुड़ा कोई संदेह नहीं रहेगा यदि रह भी जाए तो आप हमसे कमेंट पर पूछ सकते हैं , तो चलिए समझते हैं।
विशेषण किसे कहते हैं? Visheshan Kise Kahte Hain? (Visheshan Ki Paribhasha)
Definition of Adjective in Hindi / Visheshan ki Paribhasha / विशेषण की परिभाषा:
विशेषण शब्द का सम्बन्ध विशेषता बताने से। जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं।
विशेषण के उदाहरण (Visheshan ke Udaahran) Examples of Adjective in Hindi
रंग और स्वाद के अनुसार विशेषता:
काला घोडा।
भूरी गाय।
मीठी गोली।
फीकी चाय।
यहां पर ‘काला’ शब्द घोड़े की विशेषता बता रहा है, ‘भूरी’ शब्द गाय की विशेषता बता रहा है, ‘मीठी’ शब्द गोली की विशेषता बता रहा है और ‘फीकी’ शब्द चाय की विशेषता बता रहा है।
आकार, प्रकार, रंग-रूप, संख्या या स्वाद से सम्बंधित विशेषताओं के बारे में जानें।
बड़ा घर।
पहली भूल।
सारे लोग।
इतनी खुसी।
कितने रोग।
यहाँ ‘बड़ा’ शब्द घर की विशेषता बता रहा है, ‘पहली’ शब्द भूल की विशेषता बता रहा है, ‘सारे’ शब्द लोगों की विशेषता बता रहा है, ‘इतनी’ शब्द घर की विशेषता बता रहा है, ‘कितने’ शब्द घर की विशेषता बता रहा है।
कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं की जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण,-दोष, आकार-प्रकार, रंग-रूप, संख्या या स्वाद के विषय में बताते हैं, वह सारे शब्द विशेषण की श्रेणी में आते हैं।
अन्य उदाहरण
1. उसने काले सांप को देखा
यहां काला (काले) शब्द सांप की विशेषता बता रहा है इसलिए काला एक विशेषण है।
2.आशु का घर बड़ा ही खूबसूरत है।
यहां खूबसूरत शब्द घर की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
3. मोहन की गाय सफ़ेद है।
यहां सफ़ेद शब्द गाय की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
4. वर्मा साहब एक अच्छे अध्यापक हैं।
यहां अच्छे शब्द अध्यापक की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
5. रोहित एक नटखट बालक है।
यहां नटखट शब्द बालक की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
6. रोहिणी एक चमत्कारी विद्यार्थी है।
यहां चमत्कारी शब्द विद्यार्थी की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
7. यह मेरी अंतिम भूल है।
यहां अंतिम शब्द भूल की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
8. तुमने काले लिफ़ाफ़े को कहाँ फेका?
यहां काले शब्द लिफ़ाफ़े की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
9. राहुल ने बहुत अच्छा खेल खेला।
यहां अच्छा शब्द राहुल के खेल की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
10. महिमा एक प्रतिभावान लड़की है।
यहां प्रतिभावान शब्द महिमा (लड़की) की विशेषता बता रहा है इसीलिए यह शब्द एक विशेषण है।
आप वाक्य में कैसा या कितना प्रश्न कर विशेषण को आसानी से पहचान सकते हैं
जैसे-
1. अच्छा आदमी
प्रश्न- कैसा आदमी?
उत्तर- अच्छा आदमी (यहां अच्छा आदमी की विष्ता बता रहा है इसलिए यह एक विशेषण है)
2. भली औरत
प्रश्न: कैसी औरत?
उत्तर: भली औरत (यहां भली शब्द औरत की विशेषता बता रहा है इसलिए यह एक विशेषण है)
3. नटखट मोहन
प्रश्न: कैसे मोहन?
उत्तर: नटखट मोहन (यहां पर नटखट मोहन की विशेषता बता रहा है इसलिए यह एक विशेषण है)
विशेषण-विशेष्य व प्रविशेषण
विशेष क्या है यह बात तो आप जान ही चुके हैं, चलिए अब विशेष्य से भी मुलाकात कर लेते हैं।
जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता विशेषण बताते हैं, वह संज्ञा या सर्वनाम उस समय, व्याकरण की भाषा में विशेष्य कहलाते हैं।
अपनी बात।
यहां ‘अपनी’ शब्द बात की विशेषता बता रहा है इसलिए जिसकी यह विशेषता बता रहा है वह विशेष्य है, यानी ‘बात’ शब्द विशेष्य है।
छोटी दुनिया।
यहां ‘छोटी’ शब्द दुनिया की विशेषता बता रहा है इसलिए जिसकी यह विशेषता बता रहा है वह विशेष्य है, यानी ‘दुनिया’ शब्द विशेष्य है।
विशेषण शब्द का प्रयोग विशेष्य के पहले या विशेष्य के बाद में भी हो सकता है।
जब विशेषण का प्रयोग विशेष्य से पहले हो तो वह उद्देश्य विशेषण कहलाता है।
उदाहरण
खूबसूरत कार देखकर मैं चकित था।
यहां खूबसूरत विशेषण है जो विशेष्य कार की विशेषता बता रहा है, यहां विशेषण को विशेष्य से पहले प्रयोग किया गया है, इसलिए यह उद्देश्य विशेषण है।
अन्य उदाहरण
1.वह एक बड़ा घर है।
2.रोहित एक होशियार बच्चा है।
3. काली बस में बैठ मैं चल पड़ा।
4. गहरी नहर में मत नहाना।
5. चंद पलों में वह हार गया।
यहां पर ऊपर दिए सभी रेखांकित शब्द उद्देश्य विशेषण हैं।
प्रविशेषण:
इतना ज्यादा शोर क्यों मच रहा है?
कितनी लम्बी डोर से पतंग उड़ा रहे हो?
इन वाक्यों में शोर की विशेषता बताने वाला विशेषण शब्द ‘ज्यादा’ है। लेकिन ज्यादा की विशेषता कौन बता रहा है? – ‘इतना’ शब्द। इसी प्रकार ‘लम्बी’ विशेषण शब्द की विशेषता ‘कितनी’ शब्द बता रहा है। जो शब्द विशेषण की विशेषता बताते हैं, प्रविशेषण कहलाते हैं।
विशेषण शब्दों का संज्ञा की तरह प्रयोग
चलिए एक वाक्य से समझते है।
मैंने एक होनहार व्यक्ति देखा।
हम होनहारों का सम्मान करते हैं।
पहले वाक्य में ‘विद्वान’ विशेषण है, जबकि दूसरे वाक्य में ‘विद्वान’ शब्द संज्ञा की तरह प्रयोग हुआ है।
वह एक असभ्य प्राणी है उसे कौन पूछेगा? – विशेषण
असभ्यों से सभी घृणा करते हैं। – संज्ञा
विशेषण के भेद / Visheshan Ke Bhed / Types of Adjective in Hindi
विशेषण अलग-अलग प्रकार की विशेषता बताने वाले शब्द हैं। इसी आधार पर उनके भेद किये गए हैं।
विशेषण के मुख्यतः चार भेद हैं।
गुणवाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण
परिमाणवाचक विशेषण
सार्वनामिक विशेषण
गुणवाचक विशेषण / Gunvachak Visheshan / Qualitative Adjective
जिन विशेषण शब्दों से हमें किसी संज्ञा शब्द के गुण, दोष, रंग, रूप, आकार, दशा, भाव इत्यादि का पता चले उसे हम गुणवाचक विशेषण/ Gunvachak Visheshan कहते हैं।

सरल शब्दों में हम यह कह सकते हैं की कोई भी शब्द जो किसी चीज़ के बारे में उसका हालिया गुण वगैरह बताये वह गुणवाचक विशेषण की श्रेणी में आता है।
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण:
काली घटा छायी है शायद पानी बरसेगा।
यहां पर काली शब्द रंग सम्बन्धी विशेषता बता रहा है इसलिए यह एक गुणवाचक विशेषण है।
क्या लम्बे व्यक्ति तेज़ भाग सकते हैं?
यहां लम्बे शब्द व्यक्ति के रूप सम्बन्धी विशेषता का वर्णन कर रहा है इसलिए यह एक गुणवाचक संज्ञा है।
शाह रुख खान एक कुशल अभिनेता हैं।
यहां पर कुशल शब्द शाह रुख़ खान (अभिनेता) की योग्यता सम्बंधित विशेषता का वर्णन कर रहा है इसलिए यह भी एक गुणवाचक विशेषण है।
गुणवाचक विशेषण को भी कई भागों में बाटा गया है, चलिए देखते हैं।
रंग बोधक – काला, पीला, हरा, नीला, धुंधला, उजला, चमकीला, नारंगी, इत्यादि।
दशा बोधक – बलवान, धनवान, स्वस्थ्य, रोगी, गरीब, नया, पुराना, रूखा, सूखा, प्यासा, भूखा, इत्यादि।
आकार बोधक – बड़ा, छोटा, चपटा, चौकोर, तिकोना, लम्बा, बौना, इत्यादि।
काल बोधक – नया, पुराना, नवीन, प्राचीन, आधुनिक, समकालीन, इत्यादि।
स्थान बोधक – शहरी, ग्रामीण, पहाड़ी, मैदानी, देशी, विदेशी, इत्यादि।
अनुभव व भाव बोधक – आदरणीय, वंदनीय, ममतामयी, कोमल, कष्टकर, सुखकर, निंदनीय, स्तुत्य, इत्यादि।
गंध व स्वाद बोधक – खट्टा, मीठा, तीखा, नमकीन, इत्यादि।
संख्यावाचक विशेषण / Sankhyavachak Visheshan / Numerals Adjective
जो विशेषण संज्ञा सर्वनाम निश्चित या अनिश्चित संख्या के विषय में बताते हैं उन्हें संख्यावाचक विशेषण / Sankhyavachak Visheshan कहते हैं।

संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण:
पहले मैच के दौरान पानी बरस गया।
कई पुलिसवालों ने मिलकर चोर को पकड़ा।
सभी उसे अपना भाई मानते हैं।
कुछ लोगों ने मोदी जी के भाषण पर आपत्ति जताई।
कुछ बातें सबकी समझ में नहीं आती।
कम से कम विशेषण की संख्या तो आप समझ ही गए होंगे। संख्या (निश्चित या अनिश्चित) बताने वाले ये शब्द संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्या के आधार पर संख्यावाचक विशेष के दो उपभेद हैं।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
ऐसे विशेषण शब्द जो निश्चित संख्या का बोध कराते हैं उन्हें, निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण:
दोनों टीमों के बीच कड़ा मुकाबला था।
एक टीम को हार का सामना करना पड़ा।
पांच हज़ार दर्शकों ने मैच देखा।
ऊपर दिए हुए उदाहरणों में सभी संख्याएं निश्चित हैं और कहीं भी संख्या पर संदेह नहीं है। अतः सभी रेखांकित शब्द निश्चित संख्यावाचक विशेषण हैं।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
ऐसे विशेषण शब्द जो अनिश्चित संख्या (ऐसी संख्या जो निश्चित न हो) का बोध कराते हैं, उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
कुछ लोग कभी नहीं सुधर सकते।
ज्यादारतर फिल्मों की रिलीज़ टाली जाएगी।
इन दोनों ही उदाहरणों में न बताकर ‘कुछ’ और ‘ज्यादातर’ विशेषणों का प्रयोग हुआ है इसलिए यह एक अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
परिमाणवाचक विशेषण / Parimanvachak Visheshan / Quantitative Adjective
ऐसे विशेषण शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित या अनिश्चित परिमाण (मात्रा) की बात करते हैं उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

थोड़ा सा काम कर के घर वापस आओ।
परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण
पांच लीटर दूध देदो।
चार किलोमीटर पैदल चलना सही रहेगा।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में सभी रेखांकित शब्द मात्रा बता रहे हैं इसलिए यह सभी परिमाणवाचक विशेषण हैं।
परिमाणवाचक विशेषण के भी दो भेद हैं।
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
ऐसे विशेषण जो निश्चित परिमाण या मात्रा का बोध कराते हैं, उन्हें निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे – दो लीटर, चार मीटर, सौ गज़, आदि।
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
ऐसे विशेषण जो अनिश्चित अपरिमान या मात्रा का बोध करवाते हैं, उन्हें अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण
कुछ फल खा लो।
थोड़ा जल पी लो।
यहां ‘कुछ’ और ‘थोड़ा’ दोनों ही शब्द अनिश्चितता का बोध करा रहे हैं इसलिए ये अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं।
परिमाणवाचक और संख्यावाचक विशेषण में अंतर
इन दोनों में ही बहुत कम अंतर है। पहले में संख्या की बात मात्रा को बताने में की जाती है, और दुसरे में संख्या की बात गिनती के सम्बन्ध में रखती है।
सार्वनामिक विशेषण / संकेतवाचक विशेषण / Demonstrative Adjective

सर्वनाम शब्द जब संज्ञा के साथ आते हैं तो वे सर्वनाम न होकर सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं, क्योंकि ऐसे में वे संज्ञा की ही विशेषता बताते हैं।
जैसे- मेरा भाई
उसकी बहन
मेरा घर
तुहारा काम
सबकी सरकार
सार्वनामिक विशेषणों को संकेतवाचक विशेषण भी कहते हैं, क्योंकि यह किसी संज्ञा की तरफ संकेत करते हैं।
निश्चयवाचक सर्वनाम और सार्वनामिकविशेषण विशेषण में अंतर
वाक्य में निश्चयवाचक सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण की पहचान के लिए यह ध्यान देना होगा की उसका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर हुआ है या संज्ञा के साथ हुआ है। संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाला शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम होगा जबकि संज्ञा के साथ प्रयुक्त होने वाले शब्द सार्वनामिक विशेषण होगा।
उदाहरण के ज़रिये समझते हैं।
उसे बुलाओ। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
उस गरीब को खाना दो (सार्वनामिक विशेषण)
इसे कल खेलेंगे। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
इस खेल को कल खेलेंगे (सार्वनामिक विशेषण)
वह चली गयी है। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
वह गाडी चली गयी है। (सार्वनामिक विशेषण)
विशेषणों का तुलनात्मक प्रयोग
जब विशेषणों का प्रयोग तुलना करने की दृष्टि से किया जाए, विशेषण की तीन स्थितियां (अवस्थाएं) सामने आती हैं – मूलावस्था, उत्तरावस्था, और उत्तमावस्था।
आप अच्छे हैं। (मूलावस्था)
आप उससे अच्छे हैं। (उत्तरावस्था)
आप सबसे अच्छे हैं। (उत्तमावस्था)
जब विशेषण की अवस्था से पता चले की केवल किसी के विषय में कहा जा भर जा रहा है, तो वहां विशेषण की अवस्था मूलावस्था कहलाती है। जैसे-
आम मीठा है।
तुम श्रेष्ठ हो।
दो या दो से अधिक के बीच जब तुलना की जा रही हो, तो वहां विशेषण की अवस्था उत्तरावस्था कहलाती है। जैसे-
तुम राहुल से सुन्दर हो।
यहाँ किसी व्यक्ति की तुलना दुसरे व्यक्ति से हो रही है, इसलिए यह एक उत्तरावस्था है।
तुम किशोरी से अच्छा गाते हो।
जब किसी के बारे में बात करते/लिखते-पढ़ते उसे सबसे बेहतर या सबसे बदतर (घटिया) दिखाया जाए, तो वहां विशेषण की अवस्था उत्तमावस्था है। उत्तमावस्था का मतलब ही है सबसे उत्तम अवस्था।
तुम सुन्दरतम हो।
वह श्रेष्ठतम है।
उसे निकृष्टतम नहीं बनना चाहिए।
आइये देखते हैं विशेषण की तीनों अवस्थाएं।
पहला शब्द मूलावस्था है, दूसरा उत्तरावस्था और तीसरा उत्तमावस्था
वृहत – वृहत्तत्तर – वृहत्त्तम
प्रचीन – प्राचीनतर – प्राचीनतम
लघु – लघुतर – लघुतम
कटु – कटुतर – कटुतम
मधुर – मधुरतर – मधुरतम
विशाल – विशालतर – विशालतम
योग्य – योग्यतर – योग्यतम
अधिक – अधिकतर – अधिकतम
महान – महानतर – महानतम
गुरु – गुरुतर – गुरुतम
विशेषण का रूप परिवर्तन
वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग व् वचन का प्रभाव विशेषण पर भी पड़ता है। जैसे-
मीठा रसगुल्ला – मीठी जलेबी (लिंग का प्रभाव)
मीठा रसगुल्ला – मीठे रसगुल्ले (वचन का प्रभाव)
1. आकारांत विशेषण प्रायः पुल्लिंग विशेष्य के एकवचन रूप के साथ प्रयुक्त होता है।
नीला आकाश।
अधमरा कुत्ता।
2.स्त्रीलिंग विशेष्य के एकवचन या बहुवचन रूप के साथ अकारान्त विशेषण लगाने पर इसका रूप ईकारांत हो जाता है।
नीली छतरी
अधमरी कुतियाँ
3. अकारान्त विशेषण जब पुल्लिंग बहुवचन के साथ लगाना हो, तो विशेषण का रूप बदलकर एकारांत हो जाता है।
नीले छाते
अधमरे कुत्ते
4.अकारान्त विशेषणों को छोड़ कर अन्य विशेषण शब्दों में लिंग व् वचन के अनुसार कोई परिवर्तन नहीं होता है।
लाल रूमाल
चालाक बालक
5. कुछ विशेषणों के पुल्लिंग और स्त्रीलिंग रूप अलग अलग होते हैं।
विद्वान लेखक – विदुषी लेखिका
रूपवान युवक – रूपमती युवती
विशेषण शब्दों का निर्माण
हम विशेषण शब्दों को संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण और क्रियाविशेषण शब्दों में थोड़ा सा परिवर्तन कर बना सकते हैं।
आइये देखते हैं।
संज्ञा शब्दों से विशेषण बनाना।
रंग – रंगीला
मास – मासिक
रूप – रुपहला
वर्ष – वार्षिक
शिक्षा – शिक्षित / शिक्षिक
स्थान – स्थानीय
आस्था – आस्थावान
पांच – पांचवा
प्राण – प्राणवान
घृणा – घृणित
बल – बलवान
स्वाद – स्वादिष्ट
धन – धनी
प्रकाश – प्रकाशित
अलंकार – अलंकृत
गुण – गुणी
अहंकार – अहंकारी
ज्ञान – ज्ञानी
स्वाभिमान – स्वाभिमानी
ध्यान – ध्यानी
विभाग – विभागीय
चिंता – चिंतित
स्थान – स्थानीय
साहित्य – साहित्यिक
सप्ताह – साप्ताहिक
समाज – सामाजिक
ग्राम – ग्रामीण
शहर – शहरी
गरमी – गरम
नोक – नुकीला
नरमी – नरम
उपयोग – उपयोगी
शोक – शोकग्रस्त
रोग – रोगी
प्रसन्नता – प्रसन्न
हर्ष – हर्षित
उदासी – उदास
स्वार्थ – स्वार्थी
समर्थन – समर्थक
सर्वनाम शब्दों से विशेषण बनाना
मैं – मेरा
वे – उनका
हम – हमारा
जो – जिनका / जिसका
तुम – तुम्हारा
कौन – किसका
वह – उसका
तू – तेरा
आप – आपका
क्रिया शब्दों से विशेषण बनाना
दुखना – दुखित
जड़ना – जड़ित
पतन – पतित
सूखना – सूखाग्रस्त
लिखना – लिखित
थकना – थका
कहना – कथित
पकना – पका
भागना – भगोड़ा
उत्थान – उत्थित
मरना – मरियल
अड़ना – अड़ियल
सड़ना – सड़ियल
लड़ना – लड़ाकू
पढ़ना – पढाकू
अन्य विशेषण / क्रियाविशेषण से विशेषण बनाना
भीतर – भीतरी
ऊपर – ऊपरी
अंदर – अंदरूनी
पीछे – पिछला
बाहर – बाहरी
नीचे – निचला