sangya in hindi संज्ञा किसे कहते हैं। संज्ञा के उदाहरण, noun in hindi grammar

संज्ञा की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण | Noun in Hindi (Sangya) definition, types and Examples

दोस्तों आज हम Noun यानी संज्ञा (Sangya) के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे, आज हम What is Noun in Hindi? types of noun in Hindi, Definition of Noun in Hindi, आदि पर बात करेंगे। चलिए संज्ञा (Sangya in Hindi) के बारे में शुरू करते हैं।

संज्ञा की परिभाषा और अर्थ- (Sangya in Hindi)

परिभाषा-Definition of Noun in Hindi (Sangya kise kahte hain?) : संज्ञा शब्द से तो सभी परिचित ही हैं। किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

आप इसे इस तरह समझिये संसार में किसी भी चीज़ का अगर कोई नाम है तो वह नाम संज्ञा के अंतर्गत आता है। संज्ञा एक विकारी शब्द है। जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक आदि के कारन रूप परिवर्तन होता है उन्हें विकारी शब्द कहते हैं और इसके विपरीत परिस्थिति को अविकारी शब्द कहती हैं, आज का हमारा विषय संज्ञा है, इसलिए हम विकारी और अविकारी शब्दों की अधिक जानकारी पर चर्चा नहीं करने वाले हैं। Noun के हिंदी Examples हम उसके भेद / Types के  माध्यम से समझेंगे। अब तक आप संज्ञा की परिभाषा तो समझ ही गए होंगे। (Sangya ki Paribhasha)

संज्ञा के भेद / Types of Noun in Hindi (sangya ke bhed ya prakar)

संज्ञा के प्रमुख रूप से तीन भेद पाए जाते हैं।

sangya ke bhed
  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा / Proper Noun
  2. जातिवाचक संज्ञा / Common Noun
  3. भाववाचक संज्ञा / Abstract Noun

व्यक्तिवाचक संज्ञा /Proper Noun In Hindi (Vyaktivachak Sangya)

परिभाषा / Definition: जो संज्ञा शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान विशेष का बोध कराएँ, ऐसे शब्दों को व्यक्तिवाचक संज्ञा / Proper Noun कहते हैं। 

राम, गंगा, आशु, दिलवाले, अमिताभ बच्चन, नरेंद्र मोदी, इत्यादि। 

यह सब नाम हैं, राम किसी लड़के नाम है, 

गंगा किसी स्त्री का नाम है,

आशु किसी लड़के का नाम है, 

दिलवाले एक फिल्म का नाम है,

अमिताभ बच्चन एक अभिनेता नाम है,

नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री का नाम है। 

अर्थात हम यह कह सकते हैं की किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। 

आप इसे इस तरह भी समझ सकते हैं, व्यक्ति+वाचक, यानी की जो किसी विशेष व्यक्ति का बोध कराये। जैसे की अमिताभ बच्चन, यहां अमिताभ बच्चन एक व्यक्ति हैं। ‘हिमालय’ यह भी एक पर्वत का नाम है। अर्थात हम कह  सकते हैं की ‘हिमालय’ व्यक्तिवाचक संज्ञा है। अब तो आप समझ ही गए होंगे की जहां किसी विशेष नाम की बात हो रही हो तो वहां आपको व्यक्तिवाचक संज्ञा/Proper Noun मिल जाएगी। 

अन्य उदाहरण / Examples of Proper Noun: 

1. सलमान खान ने बीइंग ह्यूमन की स्थापना की। 

यहां सलमान खान और बीइंग ह्यूमन दोनों ही व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं, सलमान खान(व्यक्ति) एक अभिनेता का नाम है वहीँ बीइंग ह्यूमन एक संस्था का नाम। 

2. सचिन तेंदुलकर एक महान खिलाड़ी हैं। 

यहां पर सचिन तेंदुलकर एक खिलाडी (व्यक्ति) का नाम है, अर्थात सचिन तेंदुलकर व्यक्तिवाचक संज्ञा है। 

3. हिमालय पर चढ़ाई करना एक साहस भरा काम है।  

यहां पर हिमालय एक पर्वत का नाम है, अर्थात हिमालय व्यक्तिवाचक संज्ञा / Proper Noun है। 

4. मेरे कलम का नाम लिंक है। 

यहां पर लिंक एक कलम (वस्तु) का नाम है, अर्थात लिंक एक व्यक्तिवाचक संज्ञा / Proper Noun है।  

5. टॉम क्रूज अमेरिका में रहते हैं। 

यहां पर टॉम क्रूज़ एक अभिनेता (व्यक्ति) का नाम है, वहीँ अमेरिका एक देश (स्थान) का नाम है, इसलिए हम यह कह सकते हैं की टॉम क्रूज़ और अमेरिका दोनों ही व्यक्तिवाचक संज्ञा / Proper Noun हैं। 

जातिवाचक संज्ञा / Common Noun in Hindi (Jaativachak Sangya)

परिभाषा / Definition: 

जिन संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या पदार्थ की जाति का बोध हो उसे ‘जातिवाचक’ संज्ञा / Common Noun कहते हैं। 

इसको आप ऐसे पहचान सकते हैं जैसे की आपके मित्र का नाम ‘आशु’ है, अब आपको सवाल करना होगा ‘आशु’ क्या है? इसका जवाब है ‘आशु’ एक ‘लड़का’ है। यहां पर ‘लड़का’ शब्द जाती का बोध कर रहा है, किसकी जाती का बोध? ‘आशु’ की जाति का तो यह, ‘लड़का’ शब्द जातिवाचक संज्ञा / Common Noun कहलाएगा। 

jativachak sangya ke udahran

चलिए एक और उदाहरण लेते हैं। 

मान लीजिए आप ‘कानपुर’ में रहते हैं, अब आपको सवाल करना है कि ‘कानपुर’ क्या है? इसका जवाब है ‘कानपुर’ एक शहर है, यहां पर ‘शहर’ जातिवाचक संज्ञा / Common Noun है। 

अर्थात हम यह कह सकते हैं किसी व्यक्ति विशेष, स्थान या वस्तु की जात, यानि की वह किस मूल का है, ऐसे शब्दों को जातिवाचक संज्ञा / Common Noun कहते हैं। 

जातिवाचक संज्ञा(Jativachak Sangya) के उदाहरण / Examples of Common Noun:  

पर्वत, शहर, देश, जानवर, लड़का, लड़की, फल, सब्ज़ी, देवता, इत्यादि।

पर्वत के कई सरे नाम हो सकते हैं इसलिए यह जाती का बोध कर रहा है। 

शहर भी कई हैं और देश भी। 

जानवर भी कई होते हैं और उनके नाम भी। 

लड़का, लड़की के नाम भी कई सारे हैं। 

फलों और सब्ज़ियों के कई नाम होते हैं 

यह सारे उदाहरण जातिवाचक संज्ञा / Common Noun के अंतर्गत आते हैं. यह सब किसी न किसी के नाम की जाती का बोध करवा रहे हैं। 

अन्य उदाहरण / Examples: 

1. मेरा शहर महान है। 

यहां शहर कुछ भी हो सकता है, इसका कोई भी नाम हो सकता है, जैसे की कानपूर, लखनऊ, या इंदौर, इसलिए शहर एक जातिवाचक संज्ञा है। 

2. मेरे पास एक बढ़िया बिल्ली है। 

यहां बिल्ली जातिवाचक संज्ञा है क्योंकि, यहां पर यह नहीं बताया जा रहा की बिल्ली का क्या नाम है? बिल्लियों के कई नाम हो सकते हैं। 

3. लड़के मैदान में खेल रहे हैं। 

यहां पर लड़कों के कई नाम हो सकते हैं, अर्थात हम यह कह सकते हैं की लड़के जातिवाचक संज्ञा है, जो की लड़के के नामों की जाती का बोध करा रहा है। 

4. मेरी पुस्तक खो गयी है। 

यहां पर पुष्तक के कई नाम हो सकते हैं, यहां किसी पुष्तक का नाम नहीं लिया जा रहा है, इसलिए यह एक जातिवाचक संज्ञा है। 

5. पिता जी आज झोला भर के सब्ज़ियां लाये। 

यहां पर सब्ज़ी जातिवाचक संज्ञा है, जो की सब्ज़ियों के नामों की जाती का उल्लेख कर रही है। 

भाववाचक संज्ञा / Abstract Noun in Hindi (Bhavvachak Sangya)

परिभाषा / Definition:  

bhavvachak sangya

जो संज्ञा शब्द किसी भाव, दशा, गुण, धर्म या अवस्था का बोध कराएँ, उन्हें भाववाचक संज्ञा / Abstract Noun कहते हैं।

इसे हम इस प्रकार पहचान सकते हैं, जैसे की एक शब्द है ‘मिठास’, अब मिठास कोई अकार नहीं, कोई रंग नहीं, कोई रूप नहीं। मिठास आप खुद महसूस करते हैं अपनी जुबां द्वारा। इसलिए हम कह सकते हैं की ऐसी चीज़ें जिसे आप महसूस या समझ सकते हैं। एक और शब्द लेते हैं ‘लम्बाई’ लम्बाई को आप देख सकते हैं क्या? नहीं सिर्फ आप किसी चीज़ की लम्बाई को नाप सकते हैं उसे देख नहीं सकते, लम्बाई नामक कोई  भी चीज़ नहीं।  यह सिर्फ एक नाप है। 

उदाहरण / Examples:

खटास, मिठास, ऊंचाई, नीचता, अपनापन, पशुता, मनुष्यता, नम्रता, शांति, मित्रता, सुंदरता, भलाई, चाल, समय, बचपन, इत्यादि। 

चलिए उदाहरण का शब्दों में प्रयोग कर और विस्तार से जानते हैं।

1. आम में मिठास कम और खटास ज़्यादा है। 

यहां खटास और मिठास दोनों ही भाव प्रकट कर रहे हैं, खाने वाला इन्हें मिठास और खटास को देख नहीं सकता सिर्फ महसूस कर सकता है, इसलिए खटास और मिठास दोनों ही भाववाचक संज्ञा / Abstract Noun कहलायेंगे।   

2. ऊंचाई पर जाना खतरनाक हो सकता है। 

आप ऊंचाई नाम की वस्तु को नहीं जानते, मगर आप उसे नाप कर या अंदाज़ा लगाकर समझ सकते हैं। 

3. नीचता की सारी हदें पार कर दीं। 

यहाँ नीचता को आप किसी की कार्यशैली से महसूस कर रहे हैं, लेकिन नीचता नाम की कोई भी वास्तु नहीं है जिसे आप देख सकें या छू सकें। 

4. अपनापन होना अति आवश्यक है। 

यहां अपनापन भी आप महसूस करते हैं।    

जातिवाचक संज्ञा के उपभेद / Types of Common Noun in Hindi

जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद माने जाते हैं।  ये हैं द्रव्यवाचक संज्ञा और समुदायवाचक संज्ञा।

द्रव्यवाचक संज्ञा / Material Noun in Hindi (Dravyavachak Sangya) 
dravyavachak sangya

परिभाषा / Definition:
ऐसी जातिवाचक संज्ञाएँ जो पदार्थ (ठोस या तरल) के रूप में होती हैं और जिन्हें नापा या तौला जा सकता है, दृव्यवाचक संज्ञाएँ / Material Noun कहलाती हैं। 

उदाहरण / Examples:

सोना, चांदी, लोहा, पीतल, मिट्टी, चावल, गेंहू, दूध इत्यादि। 

सोने का हार बहुत मंहगा होता है। 

यहां पर आप सोने को तौल सकते है, इसलिए यह एक दृववाचक संज्ञा / Material Noun  है। 

ठीक इसी प्रकार आप लोहा, पीतल और मिटटी को भी नाप सकते हैं। यहाँ आप सोना-चांदी जैसी चीज़ों को गिन नहीं सकते, इन्हें सिर्फ तौला या नापा जा सकता है। 

आप दूध की भी गिनती नहीं कर सकते, आप गेंहू को भी गईं कर नहीं बल्कि तौल कर खरीदते या बेचते हैं। 

अब तो आपको समझ ही आगया होगा कि दृव्यवाचक के अंतर्गत आने वाली वह वस्तुएं है जिनकी गिनती नहीं की जा सकती।  दृव्यवाचक संज्ञाओं को समझने और पहचानने का यही सबसे आसान तरीका है। आप इससे आसानी से दृव्यवाचक संज्ञाओं का पता लगा सकते हैं। 

समुदायवाचक संज्ञा / Collective Noun in Hindi  (Samudayvachak Sangya)

परिभाषा / Definition: समुदायवाचक संज्ञाओं को पहचानना सरल है। जिन संज्ञा शब्दों में किसी समूह का बोध हो उन्हें समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। इसे समूहवाचक संज्ञा भी कहते हैं। 

samudayvachak sangya

उदाहरण / Examples:

1. भारतीय सेना चीन को मुहतोड़ ज़वाब दिया। 

यहां पर सेना समुदायवाचक संज्ञा / Collective Noun है। सेना में सिर्फ एक सैनिक नहीं है बल्कि कई सैनिक हैं। यहां पर सेना एक समूह का बोध करा रही है।

2. पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मैदान में लाया जाये। 

यहां पर अगर कक्षा को मैदान में बुलाया जा रहा है तो उस कक्षा के सभी विद्यार्थियों को मैदान में बुलाया गया है। यहां पर कक्षा विसदयार्थियों के समूह का बोध करा रही है। इसलिए यह एक समुदायवाचक संज्ञा हुई। 

3. भीड़ ने आग बुझाने में मदद की। 

यहां पर भीड़ एक समुदायवाचक संज्ञा है। 

जातिवाचक संज्ञा / Common Noun का व्यक्तिवाचक संज्ञा / Proper Noun के रूप में प्रयोग 

1. गांधीजी ने सत्याग्रह की राह पर देश को नया रास्ता दिखाया। हमें बापू बहुत याद आते हैं।2. नेताजी ने विदेश में जाकर आज़ाद हिन्द फौज की रचना की। 3. बच्चन साहब एक महान अभिनेता हैं। 4. पंडितजी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। 5. मोदीजी भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं।  यहां गांधीजी, नेताजी, बच्चन साहब, पंडितजी और मोदीजी वैसे तो संज्ञाएँ हैं क्योंकि ऐसे कई लोग हैं जो अपने नाम के साथ गांधी, पंडित या मोदी लगाते हैं। लेकिन यहां पर इनका प्रयोग विशिष्ट या प्रसिद्द व्यक्तियों के साथ इस प्रकार जुड़ गया है कि ये जातिसूचक शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग होने लगे हैं। यानी की इन्हें एक विशेष व्यक्ति के लिए ही प्रयोग किया जा रहा है। 

व्यक्तिवाचक संज्ञा / Proper Noun का जातिवाचक संज्ञा / Common Noun के रूप में प्रयोग   

कभी-कभी कोई व्यक्ति अपने गुण या दोष के कारण किसी वर्ग की पहचान बन जाता है। ऐसे में वह व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द जातिवाचक संज्ञा का रूप लेलेता है। 

उदाहरण:

1. आज-कल तो कलयुग में भी रावण हैं।

2. तुमने हमारे सारे राज़ खोल दिए तुम एक विभीषण हो। 

3. अब सीताओं की मुक्ति की चिंता करने वाले राम कहाँ हैं?

यहां पर रावण का प्रयोग अनयायी के रूप में किया गया है। हम सब जानते हैं  एक अन्यायी राजा था। उसके इस दोष के सन्दर्भ में ही रावण का प्रयोग किया गया है। 

ऊपर जो रेखांकित व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ हैं, वे किसी विशेष गुण-दोष वाले व्यक्ति की तरफ संकेत कर रही हैं। अतः ये जातिवाचक संज्ञाएँ हैं। 

भाववाचक संज्ञा / Abstract Noun का जातिवाचक संज्ञा / Common Noun के रूप में प्रयोग  

 जब किसी भाववाचक संज्ञा का बहुवचन में होता है, तब वह जातिवाचक संज्ञा के रूप में काम करने लगती हैं। 

उदाहरण: 

1. दोनों दलों की दूरियां घटने लगीं। 

2. अमेरिका और भारत के बीच नज़दीकियां बढ़ रही हैं। 

विशेषण / Adjective का जातिवाचक संज्ञा / Common Noun के रूप में प्रयोग 

कभी-कभी विशेषण शब्द भी जातिवाचक संज्ञा का रूप धारण कर लेते हैं। 

उदाहरण:

गरीबों के लिए सुविधाएँ लाएगी सरकार। 

यहां पर गरीब किसी व्यक्ति या समुदाय की विशेषता बता रहा है, यानी की यह विशेषण हुआ, लेकिन ऊपर दिए शब्द में इसे जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग किया गया है। 

प्राणिवाचक और अप्राणिवाचक संज्ञाएँ

किसी वास्तु में प्राण होते हैं तो किसी में नहीं, यहां पर प्राण का अर्थ जीवन से है। ऐसे शब्दों का भी वर्गीकरण किया जा सकता है। 

1. प्राणीवाचक संज्ञा: जिन संज्ञाओं में जीवन है, वह प्राणिवाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो जैसे कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया, मनुष्य, पेड़, पौधे, इत्यादि। 

2. अप्राणिवाचक संज्ञा: ऐसी संज्ञाएँ जिनमें जीवन न हो उन्हें अप्राणिवाचक संज्ञाओं की श्रेणी में रखा गया है। जैसे – कुर्सी, मेज, कलम, गुलदस्ता, मकान, पुस्तक इत्यादि। 

व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद

व्युत्पत्ति का अर्थ है – मूल शब्द से निष्पन्न। इस दृष्टि से संज्ञा के तीन भेद हैं। 

1. रूढ़ संज्ञा

2. यौगिक संज्ञा 

3. योगरूढ़ संज्ञा 

1. रूढ़ संज्ञा: जिन संज्ञा शब्दों के सार्थक खंड न हो सकें, उन्हें रूढ़ संज्ञा कहते हैं। 

जैसे- राम, आम, रथ. कला, इत्यादि 

2. यौगिक संज्ञा: यौगिक संज्ञा वे शब्द हैं, जो एक से अधिक सार्थक खण्डों के मिलन से बने हैं; 

जैसे- 

विद्या + आलय = विद्यालय,

धर्म + शाला = धर्मशाला,

पाठ + शाला = पाठशाला, इत्यादि। 

3. योगरूढ़ संज्ञा: जिन शब्दों के भिन्न-भिन्न शब्द सार्थक हों किन्तु वे मिलकर कोई विशेष अर्थ निष्पन्न करें तो उन्हें योगरूढ़ संज्ञा कहते हैं। 

जैसे-

लम्ब + उदर = लम्बोदर (गणेश),

पीत + अम्बर  = पीताम्बर (विष्णु),

दश + आनन = दशानन (रावण), इत्यादि 

यौगिक संज्ञाओं से जातिवाचक संज्ञाओं का बोध होता है और योगरूढ़ संज्ञाओं से व्यक्तिवाचक संज्ञाओं का बोध होता है। 

संज्ञाओं के सम्बन्ध में इन बातों का रखें ख़ास ध्यान 

  1. भाववाचक संज्ञाओं का प्रायः बहुवचन नहीं होता। 
  2. जब किसी भाववाचक संज्ञा को बहुवचन के रूप में प्रयोग किया जाता है तब उसे जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। जैसे ‘भूल’ एक भाववाचक संज्ञा है और ‘भूलें’ जातिवाचक संज्ञा है। इसी प्रकार ‘कठिनाई’ एक भाववाचक संज्ञा है और ‘कठिनाइयाँ’ एक जातिवाचक संज्ञा है।

भाववाचक संज्ञा बनाने के नियम / Rules for Abstract Noun 

भाववाचक संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञा, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण, सर्वनाम तथा अव्यय में अनेक प्रकार के प्रत्यय लगाकर बनाई जाती हैं। त्व, पन, पा, ता, य, ई, आस, हट, वट, अ, आव, आदि प्रत्यय का प्रयोग होता है।

जातिवाचक संज्ञाओं / Common Noun से भाववाचक संज्ञा / Abstract Noun की रचना  

मनुष्य – मनुष्यता 

मित्र – मित्रता

शत्रु – शत्रुता 

ईश्वर – ईश्वरत्व 

ठग – ठगी 

चोर – चोरी 

पंडित – पांडित्य 

पशु – पशुता / पाश्विकता 

स्त्री – स्त्रीत्व 

बालक – बालिका 

शैतान – शैतानी 

विदुषी / विद्वान् – विद्वत्ता 

शिशु – शैशव 

माता – मातृत्व 

पिता – पितृत्व 

राष्ट्र – राष्ट्रीयता 

प्रान्त – प्रांतीयता 

ग्राम – ग्रामीणता 

भाई – भाईचारा / भ्रातृत्व 

पुरुष – पौरुष 

बच्ची / बच्चा – बचपन 

बूढा – बुढ़ापा 

इंसान – इंसानियत 

युवती, युवा – यौवन 

विशेषणों / Adjectives से भाववाचक संज्ञा / Abstract Noun की रचना 

सच्चा – सच्चाई 

महान – महानता 

अच्छा – अच्छाई 

सज्जन – सज्जनता 

बुरा – बुराई 

मूर्ख – मूर्खता 

अमर – अमरत्व 

विषम -विषमता 

उचित – औचित्य 

सम – समता 

प्रसन्न – प्रसन्नता 

लाल – लालिमा / लाली 

आलसी – आलस्य 

काला – कालिमा 

साहसी  – सहस

हरा – हरीतिमा, हरापन 

कठिन – कठिनाई 

खरा – खारापन 

कायर – कायरता 

विस्तृत – विस्तार 

सरस – सरसता 

सभ्य – सभ्यता 

कुशल – कुशलता 

संतोषी – संतोष 

सफल – सफलता 

संतुष्ट – संतुष्टि 

चंचल – चंचलता 

सर्द – सर्दी 

गहरा -गहराई 

गरम – गर्मी 

ऊँचा – ऊंचाई 

सूक्ष्म – सूक्ष्मता 

नीच  – नीचता 

लघु – लघुता 

दुर्बल – दुर्बलता 

स्वस्थ – स्वास्थ्य 

चतुर – चतुराई 

लोभी – लोभ 

भोला – भोलापन 

लालची – लालच 

प्यासा – प्यास 

दीन – दीनता 

भयानक – भय 

हीन – हीनता 

मधुर – माधुर्य 

श्रेष्ठ – श्रेष्ठता 

विरल – विरलता 

पटु – पटुता 

कटु – कटुता 

ललित – लालित्य 

सरल – सरलता 

सर्वनाम/ Pronoun शब्दों से भाववाचक संज्ञाओं / Abstract Noun की रचना 

आप – आप 

मम – ममत्व 

निज – निज / निजत्व 

पर – परायापन 

स्व – स्वत्व 

अहं – अहंकार 

क्रिया / Verb शब्दों से भाववाचक संज्ञाओं / Abstract Noun की रचना  

समझना – समझ 

टूटना – टूट 

उलझना – उलझन 

रिसना – रिसाव 

कमाना – कमाई 

झुकना – झुकाव 

लुटाना  – लूट 

सोचना – सोच 

कूदना – कूद 

हँसना – हँसी 

खेलना – खेल 

मरना – मरण 

रोना – रुलाई 

जीना – जीवन 

गाना – गान 

बहना – बहाव 

गिरना – गिरावट

मुस्कुराना – मुस्कराहट 

उठना – उठान 

हकलाना – हकलाहट 

उड़ना – उड़ान 

गिड़गिड़ाना – गिड़गिड़ाहट 

उफना – उफान 

फैलाना – फैलाव 

महकना – महक 

सजना – सजावट 

चहकना – चहक 

लिखना – लिखावट 

दहकना – दहक

दौड़ना – दौड़ 

समझना – समझ 

छपना – छपाई 

छोड़ना – छूट 

जलना – जलन 

थकना – थकान 

सींचना – सिंचाई 

क्रियाविशेषण / विशेषण शब्दों से भाववाचक संज्ञाओं की रचना  

ऊपर – ऊपरी 

निकट – निकटता 

दूर – दूरी 

समीप – समीपता / सामीप्य 

अव्यय से भवावचक संज्ञाओं की रचना 

परस्पर – पारस्पर्य 

समीप – सामीप्य 

विशिष्ट – वैशिष्ट्य 

पूर्ण – पूर्णता 

निकट – नैकट्य 

शाबाश – शाबाशी 

आपके लिए EXERCISE/ Worksheet 

इन शब्दों की संज्ञा पहचानें 
राहुल, भारत, योगी आदित्यनाथ. अध्यापक, ईमानदारी, दाल, फूल, झुण्ड, 
दोस्तों इन शब्दों की संज्ञा पहचान कर कमेंट में बताएं ताकि हमें पता चल सके की आज आपने क्या नया सीखा? यदि कोई समस्या हो तो अवश्य हमें बताएं।

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