kriya visheshan

क्रियाविशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण [सरल शब्दों में] | Kriyavisheshan Paribhasha, Bhed aur Udahran

यदि आप क्रिया और विशेषण को समझ गए होंगे तो उसके आगे की कड़ी है क्रिया विशेषण। आज इस लेख में हम जानेंगे की आखिरकार क्रिया विशेषण, विशेषण और क्रिया में मूल अंतर क्या है, क्रियाविशेषण (Kriyavisheshan) किसे कहते हैं और इसके उदाहरण।

क्रिया-विशेषण की परिभाषा- Kriya visheshan Ki Paribhasha)  

जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें हम क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan) कहते हैं। 

क्रिया-विशेषण के उदाहरण- Kriya Visheshan Ke Udaahran 

1. वह तेज़ दौड़ती है। 

– यहां पर क्रिया ‘दौड़ती’ है और क्रिया की विशेषता ‘तेज़’ शब्द बता रहा है। इसलिए यह एक क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan) है  

2. आज हमें बहुत चलना है। 

– यहां पर क्रिया ‘चलना’ की विशेषता ‘बहुत’ शब्द बता रहा है, इसलिए यह एक क्रिया-विशेषण (Kriya-Visheshan) है। 

3. आप कहाँ से आ रहे है?

– यहाँ पर क्रिया ‘आ रहे हैं’ की विशेषता ‘कहाँ’ शब्द बता रहा है इसलिए यह एक क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan) है। 

4. वह कल आया ?

यहां पर क्रिया ‘आया’ की विशेषता ‘कल’ बता रहा है, इसलिए यह एक क्रिया विशेषण (Kriya Visheshan) है।

क्रिया-विशेषण के भेद- Kriya Vishshan Ke Bhed

विशेषण 1

क्रिया विशेषण के चार भेद किये गए हैं। 

1. कालवाचक क्रियाविशेषण 

2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण 

3. रीतिवाचक क्रियाविशेषण 

4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

कालवाचक क्रिया विशेषण (Kaalvachak Kriya Visheshan)

कालवाचक क्रियाविशेषण की परिभाषा 

जो क्रियाविशेषण क्रिया के होने या न होने के समय के सम्बन्ध में कुछ कहें, उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

कालवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण 

1. तुम कल विद्यालय जरूर जाना। 

आप देख सकते हैं की यहां ‘जाना’ एक क्रिया है और ‘कल ‘ शब्द समय के सम्बन्ध को बता रहा है की व्यक्ति को कब विद्यालय जाना है? इसलिए यहां पर ‘कल’ एक कालवाचक क्रियाविशेषण है। 

2. आपको आज ही काम पूरा कर लेना चाहिए। 

3. वह सोमवार को क्रिकेट खेलेगा। 

4. वह हर दोपहर को घूमने निकल जाता है। 

5. वह चार हफ्ते बाद विदेश से लौटा है। 

कालवाचक क्रियाविशेषण को पहचानने का सब से सरल तरीका यही है की आप क्रिया के साथ ‘कब’ सम्बन्धी प्रश्न पूछें। इस प्रश्न का उत्तर और स्वयं प्रश्न भी कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाएगा। 

वह जाने कब आएगा?

तुम बार-बार क्यों समझाते हो?

ये क्रियाविशेषण कभी काल की अवधि बताते हैं, तो कभी काल की बारंबारता।

स्थानवाचक क्रियाविशेषण (Sthan Vachak Kriya Visheshan)

स्थानवाचक क्रियाविशेषण की परिभाषा 

जो शब्द क्रिया की स्थान सम्बन्धी विशेषता बताते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। 

 स्थानवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण 

आप यहां से चले जाइये। (इस वाक्य में ‘यहां’ शब्द क्रिया की स्थिति बता रहा है, इसलिए यह एक स्थितिसूचक स्थानवाचक क्रियाविशेषण है)

उधर मत जाइए।  (यहाँ ‘उधर’ शब्द क्रिया के लिए दिशा का निर्देश कर रहा है इसलिए यह एक दिशा सूचक स्थानवाचक क्रियाविशेषण है)

यहाँ-से-वहां तक रोड पर जाम ही जाम है। (यहां पर ‘यहां-से-वहां’ स्थिति को विस्तार से सूचित कर रहा, इसलिए यह एक विस्तार सूचक स्थानवाचक क्रियाविशेषण है)

रीतिवाचक क्रियाविशेषण (Reetivachak Kriya Visheshan) 

रीति का अर्थ है तरीका। जो शब्द क्रिया के करने की विधि के सम्बन्ध में बताए, उसे रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। ये क्रियाविशेषण  साथ रहते हैं। 

आप ठीक से बैठिये। 

चौंककर क्यों उठ गए?

धीरे धीरे चलें। 

उसने फुसफुसाते हुए कहा।

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण (Parimaan Vachak Kriya Visheshan)

जब कोई शब्द क्रिया के परिणाम (मात्रा) की बात करता है तो परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाता है। 

इतना मत बोलो थक जाओगे। 

जीभर खेलो, अच्छी नींद आएगी। 

संक्षेप में क्रियाविशेषण का परिचय पाने का सूत्रात्मक तरीका यह भी हो सकता है –

कब – कालवाचक 

कहाँ – स्थानवाचक 

कैसे – रीतिवाचक 

कितना – परिणामवाचक 

क्रियाविशेषण निर्माण की प्रक्रिया 

ऊपर, नीचे, दाएँ, बाएं, यहाँ, वहाँ, आज, कल जैसे शब्द तो प्रकृति से ही क्रियाविशेषण हैं लेकिन कुछ शब्द उपसर्ग-प्रत्ययों के योग से निर्मित होते हैं और कुछ क्रियाविशेषण समास की क्रिया से बनते हैं, इस आधार पर क्रियाविशेषणों को दो आधार पर बांटा गया है। 

1. मूलक्रियाविशेषण – ऊपर, नीचे, दाएं, बाएं, यहां, वहां, इत्यादि। 

2. योगिक क्रियाविशेषण – वे क्रिया विशेषण जो दो शब्दों या एक शब्द में उपसर्ग-प्रत्ययों के योग से बनते हैं। 

सावधानीपूर्वक (प्रत्यय के योग से)

प्रतिदिन (उपसर्ग के योग से)

विशेषण तथा क्रियाविशेषण में अंतर 

विशेषण और क्रिया विशेषण पहचानना बहुत ही आसान है।

आप को बस इतना याद रखना है।

जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें क्रिया-विशेषण (Kriya visheshan) कहते हैं।

और

जो शब्द संज्ञा या फिर सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं।

चलिए मैं दो उदाहरण लेकर आपको यह बात समझाने का प्रयास करता हूँ।

  1. वह अच्छा खिलाड़ी है।

अब आप मुझे बताइये ‘खिलाड़ी’ शब्द संज्ञा है या सर्वनाम है या फिर विशेषण है?

अगर आपने संज्ञा बताया है, तो आपने सही बताया।

अब सवाल यह है की की संज्ञा शब्द ‘खिलाडी’ की विशेषता कौन बता रहा है?

ज़ाहिर सी बात है आपको यह जान्ने के लिए प्रश्न करना होगा।

वह कैसा खिलाड़ी है?

उत्तर- अच्छा।

‘अच्छा’ शब्द संज्ञा (खिलाडी) की विशेषता बता रहा इसलिए यह एक विशेषण हैं।

2. वह अच्छा खेलता है।

यहां पर ‘अच्छा’ शब्द क्रिया (खेलता है /खेलना) की विशेषता बता रहा इसलिए यहां पर यह क्रिया-विशेषण है। 

अच्छा आदमी। 

यहां आदमी संज्ञा है इसलिए अच्छा शब्द विशेषण है। 

धीरे बोलो 

यहां बोलो शब्द क्रिया है, इसलिए इसकी विशेषता बताने वाला शब्द धीरे क्रियाविशेषण हुआ। 

प्यारी बच्ची 

‘यहां प्यारी शब्द विशेषण है 

बहुत बोल लिए – क्रियाविशेषण 

सच्ची घटना। – विशेषण 

यहां बैठ जाओ – क्रियाविशेषण

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