दोस्तों आज हम काल की परिभाषा, काल के भेद या प्रकार और उदाहरण के बारे में पढ़ेंगे। यह लेख पढ़ने के बाद आपकी काल से जुड़े सारे कांसेप्ट समझ में आजाएंगे।
काल की परिभाषा (Kaal Ki Paribhasha)
क्रिया के होने के समय को काल कहते हैं।
कुछ क्रियाएं वर्तमान में होती हैं या हो रही हैं।
कुछ क्रियाएं बीते समय, भूतकाल में हुई या हुई थीं।
कुछ क्रियाओं के होने का वक्त अभी आना है। उनके बारे में आने वाला वक्त यानी भविष्य बताएगा।
बातों बातों में हमने वक्त की परिधि के मुख्य मोटे बिंदु रेखांकित कर लिए।
एक – भूतकाल, भूत वह जिसे हम पीछे छोड़ आये। यानि कार्य पहले ही संपन्न हो चुका है।
दूसरा – वर्तमान, जिसमे हम हैं।
तीसरा – भविष्य कल, भविष्य मतलब जो अभी या कभी आगे चल कर आएगा।
इस प्रकार काल के तीन भेद होते हैं।
काल के भेद (Kaal ke bhed)

भूतकाल
वर्तमान काल
भविष्यत् काल।
आओ अब चलते हैं काल के तीनों भेदों के विस्तार क्षेत्र में।
भूतकाल (Bhootkaal)
बीता हुआ समय।
उसने बूढ़े व्यक्ति को रास्ता पार कराया।
भूढ़े व्यक्ति की दशा देख रोहित का मन बदल गया।
भूतकाल की परिभाषा (Bhootkaal ki paribhasa)
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की क्रिया बीते हुए समय में घटित हुई, उसे भूतकाल कहते हैं।
भूतकाल के उदाहरण (Bhootkaal ke udaahran)
मैं सिनेमा देखने गया
मैंने कल फूटबाल मैच खेला
रोहित ने विद्यालय में हाज़िरी लगाई।
वह विद्यालय जाती थी।
प्रधानमंत्री ने सम्बोधन किया था।
अगर मैं पास होजाता तो मज़ा आजाता।
ऊपर दिए गए उदाहरण भूतकाल में हुई क्रिया के विभिन्न रूपों को प्रकट कर रहे हैं। भूतकाल के यह विभिन्न रूप भूतकाल के उपभेद कहलाते हैं। क्रम इस प्रकार है – सामान्य भूतकाल, आसन्न भूतकाल, पूर्ण भूतकाल, अपूर्ण भूतकाल, संदिग्ध भूतकाल और हेतुहेतुमद भूतकाल।
भूतकाल के भेद (Bhootkaal ke bhed)
सामान्य भूतकाल (samaanya bhootkaal)
सामान्य भूतकाल की परिभाषा (Samaanya bhootkaal ki paribhasha)
जहां क्रिया के भूतकाल में सामान्य रूप से संपन्न होने का बोध हो वहां, वहां उसे क्रिया का सामान्य भूतकाल कहते हैं।
सामान्य भूतकाल के उदाहरण (Samaanya Bhootkaal ke udaahran)
माहिरा ने रोटियां पकाई ( क्रिया ‘पकाई’ के अंत में ‘ई’ जुड़ा है)
तुमने निबंध लिखा। (क्रिया ‘लिखा’ के अंत में ‘आ’ जुड़ा है)
हम खिलाड़ी बने। ( क्रिया ‘बने’ के अंत में ‘ए’ जुड़ा है)
सामान्य भूतकाल की क्रिया के अंत में ‘आ’, ‘ए’, ‘ई’ जुड़ता है।
उसने पकौड़े बनाए।
जादूगर ने जादू दिखाया।
तुमने गाडी चलाई।
आसन्न भूतकाल (Asann Bhootkaal)
आसन्न भूतकाल की परिभाषा (Asann bhootkaal ki paribhasha)
जहां क्रिया के अभी अभी निकट भूतकाल में संपन्न होने का संकेत या सूचना मिल रही हो, उसे क्रिया का आसन्न भूतकाल कहते हैं।
आसन्न भूतकाल के उदाहरण (Asann bhootkaal ke udaahran)
मैंने उपन्यास पढ़ लिया है (यहां उपन्यास अभी कुछ समय पहले पढ़े जाने की बात हो रही है)
कमल अभी-अभी कार्यालय रवाना हो चुके हैं। ( यहां पर कमल के कुछ देर पहले ही रवाना होने की बात हो रही है)
इन क्रियाओं के अंत में ज्यादातर ‘चुका है’, ‘चुके हैं’, ‘चुकी हैं’ का प्रयोग होता है।
दिखने में तो यह क्रियाएं वर्तमान काल में लग रही हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, क्रियाएं कुछ देर पहले ही संपन्न हुई हैं, यानी की क्रियाएं वर्तमान में हल नहीं रही बल्कि कुछ क्षणों पहले संपन्न हो चुकी हैं, इसलिए इस तरह की क्रियाओं को हिंदी व्याकरण के अनुसार इन्हे आसन्न भूतकाल में रखा गया है। यह क्रियाएं शुरू भी भूतकाल में हुई हैं और संपन्न भी भूतकाल में ही हुई हैं।
पूर्ण भूतकाल (Poorn Bhootkaal)
पूर्ण भूतकाल की परिभाषा (Poorn Bhootkaal ki paribhasha)
जहां क्रिया भूतकाल में शुरू होकर पूरी तरह भूतकाल में ही पूरी हो चुकने का अर्थ दे रही हों, वहां क्रिया के काल को पूर्ण भूतकाल कहते हैं। ‘था’, ‘थी’, ‘थे’ से समाप्त होने वाली क्रियाएं समान्यतः इसके अंतर्गत आती हैं।
पूर्ण भूतकाल के उदाहरण (Poorn bhootkaal ke udaahran)
वे चले गए थे।
मैंने तुम्हे पत्र लिखा था।
वह धीरे-धीरे चलती थी।
अपूर्ण भूतकाल (Apoorn bhootkaal)
अपूर्ण भूतकाल की परिभाषा (Apoorn Bhootkaal ki Paribhasha)
जहां इस तरह का भाव प्रकट होता हो की क्रिया प्रारम्भ तो भूतकाल में ही हुई थी, लेकिन भूतकाल में उसके पूरी होने का निश्चित संकेत नहीं मिल रहा हो, ऐसे क्रियाओं के काल को अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।
अपूर्ण भूतकाल के उदाहरण (Apoorn Bhootkaal ke Udaahran)
लोग तमाशा देख रहे थे। (यहां पर यह बताया गया है की लोग भूतकाल में तमाशा देख रहे थे, मगर इस बात को नहीं बताया गया की वह देख चुके थे, यानी की कार्य अभी भी वर्तमान में चालु होगा या नहीं भी, इसकी कोई पुष्टि नहीं, इस प्रकार से यहां पर क्रिया अपूर्णभूतकाल है।
घंटियां बज रही थीं।
रौशनी जगमगा रही थी।
अपूर्ण भूतकाल में वाक्य रहा था, रहे थे, रही थी, आदि से समाप्त होते हैं।
संदिग्ध भूतकाल (Sandigdh Bhootkaal)
संदिग्ध भूतकाल की परिभाषा (Sandigdh bhootkaal ki paribhasha)
जहां भूतकाल क्रिया के होने को लेकर अनिश्चय की स्थिति दर्शाई गयी हो, वहां क्रिया का काल संदिग्ध भूतकाल होता है।
संदिग्ध भूतकाल के उदाहरण (sandigdh Bhootkaal ke udaahran)
कल बारिश हुई होगी। (बारिश हुई या नहीं इस बात की पुष्टि नहीं हुई है सिर्फ सम्भावना दर्शाई गयी है)
वह घर चला गया होगा।
तुमने काम कर लिया होगा।
संदिग्ध भूतकाल में वाक्य होगा, होगी आदि से समाप्त होते हैं।
हेतुहेतुमद भूतकाल (Hetuhetumad Bhootkaal)
हेतुहेतुमद भूतकाल की परिभाषा (Hetuhetumad bhootkaal ki paribhasha)
हेतुहेतुमद भूतकाल: जहां भूतकाल में क्रिया के न हो पाने के पीछे कोई हेतु (कारण) प्रकट किया गया हो, ऐसी क्रिया के काल को हेतुहेतुमद भूतकाल कहते है।
हेतुहेतुमद भूतकाल के उदाहरण (Hetuhetumad Bhootkaal ke udaahran)
आप आते, तो हम साथ चलते।
बारिश होती तो मौसम बदल जाता।
तुम ठीक से सोचते तो ऐसे दिन न देखने पड़ते।
ऐसी क्रियाओं में समान्यतः दो उपवाक्य कार्य-कारण सम्बन्ध के साथ जुड़े हैं।
वर्तमान काल (Vartmaan Kaal)
वर्तमान काल की परिभाषा (Vartmaan Kaal Ki Paribhasha)
क्रिया के जिस रूप से उसके वर्तमान काल में होने का बोध हो रहा हो ( यानी कार्य अभी चल रहा है) उसे क्रिया का वर्तमान काल कहते हैं।
वर्तमान काल के उदाहरण (Vartmaan Kaal Ke Udaahran)
कविता हंसती है।
हवा बह रही है।
इस वर्तमानकाल के भी कई उपभेद हैं।
वर्तमान काल के भेद (Vartmaan Kaal Ke Bhed)
सामान्य वर्तमान काल
अपूर्ण वर्तमान काल
संदिग्ध वर्तमान काल
सामान्य वर्तमान काल (SamaanyVartmaan Kaal)
सामान्य वर्तमान काल की परिभाषा
ऐसा वर्तमान जिसमें क्रिया के वर्तमान काल में होने का सामान्य कथन हो, सामान्य वर्तमान काल कहलाता है।
सामान्य वर्तमान काल के उदाहरण (Saamany Vartmaan Kaal ke Udaahran)
वह क्रिकेट खलता है।
वह चने बेचता है।
रेलगाड़ी पटरी पर चलती है।
हवाई जहाज आसमान में उड़ता है।
हर शुक्रवार को फ़िल्में आती हैं।
गणित पढ़ना अच्छा होता है।
सामान्य वर्तमान काल में वाक्य ता है, ती है, तो हैं, ते हैं आदि से समाप्त होते हैं।
अपूर्ण वर्तमान काल (Apoorn Vartmaan Kaal)
अपूर्ण वर्तमान काल की परिभाषा (Apoorn Vartmaan Kaal ki Paribhasha)
जहां क्रिया प्रारम्भ होने की, उसके हो रहे होने की सूचना तो हो, लेकिन सम्पन्न होने का संकेत न किया गया हो, ऐसी क्रिया के काल को अपूर्ण वर्तमान काल कहते हैं।
अपूर्ण वर्तमान काल के उदाहरण (apoorn vartmaan kaal ke udaahran)
वह क्रिकेट खेल रहा है।
वह चने बेच रहा है।
रेलगाड़ी पटरी पर चल रही है।
हवाई जहाज आसमान में उड़ रहा है।
मास्टर साहब गणित पढ़ा रहे हैं।
वांटेड फिल्म आ रही है।
अपूर्ण वर्तमान काल में वाक्य रहा है, रही है, रहे हैं इत्यादि से समाप्त होते हैं।
संदिग्ध वर्तमान काल (Sandigdh Vartmaan Kaal)
संदिग्ध वर्तमान काल की परिभाषा (Sandigdh Vartmaan Kaal ki Paribhasha)
जहां क्रिया के वर्तमान काल में होने न होने के विषय में संदेह की स्थिति हो, ऐसी क्रिया के काल को संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं।
संदिग्ध वर्तमान काल के उदाहरण (Sandigdh Vartmaan Kaal Ke Udaahran)
वह क्रिकेट खेल रहा होगा।
वह ट्रैन से जा रहा होगा।
कमलेश अंग्रेजी पढ़ा रहे होंगे।
संदिग्ध वर्तमान काल में वाक्य प्रायः रहा होगा, रहे होंगे, रही होगी से ख़त्म होते हैं।
भविष्य काल (Bhavishya Kaal)
भविष्य काल की परिभाषा (Bhavishy Kaal Ki Pribhasha)
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की क्रिया आने वाले समय में होगी या नहीं होगी, उसके काल को भविष्य काल कहते हैं।
भविष्य काल के उदाहरण (bhavishya kaal ke udaahran)
कल सूरज निकलेगा।
राम स्कूल जाएगा।
कल प्रधानमंत्री जी भाषण देंगे।
भविष्य काल के भी विभिन्न उपभेद होते हैं। ये हैं –
भविष्य काल के भेद (Bhavishya kaal ke bhed)
सामान्य भविष्य काल
सम्भाव्य भविष्य काल
हेतुहेतुमद भविष्यत् काल
सामान्य भविष्य काल (samaany bhavishy kaal)
सामान्य भविष्य काल की परिभाषा (Samaanya bhavishy kaal ki paribhasha)
जहां क्रिया के सामान्य रूप में आने वाले समय में होने का संकेत या सूचना दी गयी हो, वहां क्रिया के काल को सामान्य भविष्य काल कहते हैं।
सामान्य भविष्य काल के उदाहरण (samanya bhavishya kaal ke udaahran)
सृष्टि फूल लाएगी।
संभव प्रथम आएगा।
बच्चे मस्ती करेंगे।
इनमें गा, गी, गे से वाक्य पूरा होता है।
सम्भाव्य भविष्य काल (Sambhavy Bhavishya kaal)
सम्भाव्य भविष्य काल की परिभाषा (Sambhavya bhavishy kaal ki paribhasha)
जहां क्रिया के आने वाले समय में होने की सम्भावना हो, लेकिन निश्चित रूप से कुछ न कहा गया हो, वहां क्रिया का काल सम्भाव्य भविष्यत् काल कहलाता है।
सम्भाव्य भविष्य काल के उदाहरण (Sambhavy Bhavishya kaal ke udaahran)
शायद कल फिर पानी बरसे।
हो सकता है उसकी लाटरी निकल आए।
हेतुहेतुमद भविष्य काल (Hetuhetumad bhavishya kaal)
हेतुहेतुमद भविष्यकाल की परिभाषा (Hetuhetumad bhavishya kaal ki paribhasha)
जहां क्रिया के भविष्य में हो सकने पर किसी कारण का प्रतिबन्ध दीखता हो, वहां क्रिया के काल को हेतुहेतुमद भविष्य काल कहते हैं।
हेतुहेतुमद भविष्य काल के उदाहरण (Hetuhetumad bhavishy kaal ke udaahran)
तुम बुलाओगे तो मैं आ जाऊंगा।
अधोगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
काल के अनुसार क्रिया के रूप
काल की पहचान क्रिया के रूप में की जाती है।
जैसे-
वह पत्र लिखता है। (लिखता है – वर्तमान काल)
उसने पत्र लिखा। (लिखा – भूतकाल )
वह पत्र लिखेगा। (लिखेगा – भविष्यकाल)
इस प्रकार हम देखते हैं की क्रिया के धातु रूप का अलग-अलग कालों में अलग-अलग रूप हो सकता है। इसे ‘लिख’ धातु के विभिन्न रूपों से स्पष्ट समझा जा सकता है।