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Space-X Projects |
- 2008 में Falcon-1 लांच करने पर पहली प्राइवेट कंपनी बनी, जिसने पृथ्वी के कक्षा में राकेट पहुंचाया।
- पहली निजी कंपनी जिसने किसी अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, कक्षा में परिक्रमा करने के बाद फिर से इस्तेमाल लायक रखकर नीचे लाना।
- 2012 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर स्पेसक्राफ्ट भेजने वाली पहली प्राइवेट कंपनी।
- 2017 में फाल्कन-9 रॉकेट का इस्तेमाल एक से ज्यादा सॅटॅलाइट भेजने में हुआ, जिसमे फाल्कन एक सॅटॅलाइट को लांच करने के बाद धरती पर दोबारा बिना किसी क्षति के लैंडिंग किया, और दूसरी सॅटॅलाइट भेजी गयी।
इसके अलावा भी SpaceX,ने एक प्राइवेट कंपनी के तौर पर कई कार्य किये है, जो खगोल विज्ञानं को अलग स्तर पर पहुँचाती है।
विषय सूची
Starlink Projects स्टरलिंक प्रोजेक्ट्स
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Starlink Project |
स्टरलिंक प्रोजेक्ट का मकसद मुख्यतः उन इलाकों में भी इंटरनेट मुहैया कराना है, जहां पर इसका होना मुश्किल है, इससे बंदरगाहों से लेकर पहाड़ी इलाको में रहने वाले लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। आप स्टरलिंक के बारे में स्टरलिंक प्रोजेक्ट Starlink by HindiReporters पर click करके जान सकते हैं।
SpaceX Mars Program
मंगल पर इंसानो की बस्ती बनाना खगोल विज्ञानं की अगली चुनौती है, और लक्ष्य भी। मंगल को चाँद से ज्यादा रहने की अच्छी जगह माना जाता है, लेकिन दूरी ज्यादा होने की वजह से आज तक इंसानो के पैर मंगल के सतह से अछूते रहे हैं। SpaceX की शुरुआत मंगल पर बस्ती बनाने के लक्ष्य से हुयी थी।
You want to wake up in the morning and think the future is going to be great – and that’s what being a spacefaring civilization is all about. It’s about believing in the future and thinking that the future will be better than the past. And I can’t think of anything more exciting than going out there and being among the stars. -Elon Musk
आप सुबह-सुबह उठकर यही सोचना चाहते है कि भविष्य अच्छा होने वाला है, यही एक नई अंतरिक्षीय सभ्यता का मतलब है। यह भविष्य के बारे में विश्वास करने और यह सोचने के बारे में है कि भविष्य अतीत से बेहतर होगा, और मैं वहां बाहर जाने और सितारों के बीच होने से ज्यादा रोमांचक कुछ भी नहीं सोच सकता। -Elon Musk
मंगल पृथ्वी से 22 करोड़ किलोमीटर की औसत दूरी पर, और पृथ्वी के निकटतम रहने योग्य ग्रहो में से एक है। मंगल ग्रह सूर्य से, पृथ्वी की लगभग आधी दूरी पर है, इसलिए सौर ऊर्जा मंगल पर आसानी से पहुँचता है। मंगल का वातावरण थोड़ा ठंडा है, लेकिन इसे वैज्ञानिक विधियों द्वारा गर्म किया जा सकता है। इसका वायुमंडल मुख्य रूप से कुछ नाइट्रोजन और आर्गन और कुछ अन्य सूक्ष्म तत्वों के साथ CO2 है, जिसका अर्थ है कि हम केवल वातावरण को संकुचित करके मंगल पर पौधे विकसित कर सकते हैं। मंगल पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी का लगभग 38% हिस्सा है, इसलिए इंसानो को चीजे उठाने में दिक्कत नहीं होगी। इसके अलावा, मंगल पर एक दिन की लम्बाई 24 घंटे, 37 मिनट है, जोकि पृथ्वी पर दिन की लम्बाई से थोड़ा ही ज्यादा है।
SpaceX की योजना एक StarShip बनाने की है, जिससे मंगल तक आसानी से पंहुचा जा सके। SpaceX के मुताबिक, “SpaceX का StarShip अंतरिक्ष यान और सुपर हेवी रॉकेट (सामूहिक रूप से स्टारशिप के रूप में संदर्भित) एक पूरी तरह से पुन: प्रयोग लाने लायक परिवहन प्रणाली होगा, जो क्रू और कार्गो दोनों सदस्यों को पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे ले जाने के लिए डिज़ाइन किया जायेगा। स्टारशिप दुनिया का सबसे शक्तिशाली लॉन्च वाहन होगा, जिसेमें 100 मीट्रिक टन से अधिक वजन को पृथ्वी की कक्षा में ले जाने की क्षमता होगी।
दूरी ज्यादा होने के कारण, मंगल पर जाना मुश्किल हो रहा है, जिसमे समस्या वापस लौटने में हो रही है, कोई भी राकेट में इतना ईंधन नहीं होगा जिससे वो मंगल से वापसी का सफर कर सके। ईंधन की मात्रा बढ़ाने से राकेट का वजन भी बढ़ जायेगा जिससे मंगल तक जाने में ईधन खपत ज्यादा होगी। इसिलिए एक साथ स्टारशिप अंतरिक्ष यान और सुपर हेवी रॉकेट, पुनः प्रयोग लाने वाली परिवहन प्रणाली होंगे, जिसमे मंगल की कक्षा में ही ईंधन भरा जा सकेगा और मंगल की प्राकृतिक H2O और CO2 संसाधनों का इस्तेमाल करके मंगल की सतह पर ईंधन बनाया जा सकेगा।
अंतरिक्ष की सैर / Space Walk
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Space Walk |
Asteroid Mining
UnderWay Transportation Link
एक show पर Elon musk ने अमेरिका में रास्तो को धरती की सतह के अंदर बनाने का जिक्र किया था। इससे ट्रैफिक जाम से बचा जा सकता है, इसके लिए इमरजेंसी वेहिकल्स को सड़क के नीचे एक टनल में भेज दिए जायेगा जिसमें वेहिकल को एक हाई स्पीड कैर्रिएर पर रखा जायेगा जो कुछ ही देर में गंतव्य स्थान तक पहुंच जायेगा।